डेंगू भुखार: इसके होने के कारण, लक्षण, बचाव और उपाय
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डेंगू भुखार इसके होने के कारण, लक्षण, बचाव और उपाय |
डेंगू भुखार: इसके होने के कारण, लक्षण, बचाव और उपाय
जैसा की हम सब
जानते हैं कि डेंगू बुखार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है, जिनमें से चार अलग-अलग सेरोटाइप हैं जो
मनुष्यों को संक्रमित करते हैं।
अगर हम एक बार
डेंगू भुखार की चपेट में आ जाते हैं तो इसका इलाज करवाना ही हमारे लिए एक बहुत बड़ा
मुद्दा बन जाता हैं और साथ ही हमको अपनी पैसो का भी नुकसान होता हैं। लेकिन हम कुछ
बातों का समय से ही ध्यान रखे तो इस बीमारी के होने से खुद को बचा सकते हैं।
डेंगू बुखार
उत्तरी ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में
होता है।
डेंगू भुखार के
होने के सबसे ज्यादा मौक़े बरसात के मौसम में होते हैं। इस समय अलग अलग जगहों पर
पानी खड़ा हो जाने के कारण (मादा अनाफलिस) मछर पैदा हो जाते हैं।
डेंगू भुखार के
लक्षण जैसे ही दिखाई दे तुरंत डॉक्टर से इसके बारे में सलाह करनी चाहिए। अगर हम
इसको लापरवाही की नजर से नजरंदाज कर देते हैं। तो ये एक गंभीर बीमारी का रूप ले
सकता हैं।
आइये अब इसके फ़ैलने के बारे में बात करते हैं :
डेंगू भुखार होने
के पीछे मादा मछेर ही जिम्मेदार होती हैं, और ये साफ पानी के ऊपर अपने अंण्डे देती हैं। डेंगू के मच्छर ज़्यादातर दिन में
की काटते हैं। और इनकी खास बात ये होती हैं कि ये साफ पानी में ही पर्जनन करते हैं
और अपने अंडे देते हैं। डेंगू मच्छर जहां पैदा होते हैं। वहां से लगभग १५० से २००
मीटर तक ही जा पाते हैं।
रोग में अचानक शुरुआत होती है और लक्षणों में शामिल हो सकते
हैं:
·
3 से 7 दिनों के लिए बुखार रहता हैं।
·
आँखों के पीछे
तेज सिरदर्द रहता हैं।
·
मांसपेशियों और
जोड़ों में दर्द होना।
·
भूख नहीं लगना।
·
बार बार उल्टी और
दस्त आना।
·
त्वचा के ऊपर लाल
रंग के चकत्ते बन जाना।
·
नाक या मसूड़ों
से खून का आना।
·
लंबे समय तक थकान
रहना।
डेंगू बुखार का
निदान नैदानिक प्रस्तुति और रक्त परीक्षण द्वारा किया जाता है।
डेंगू भुखार
हमेशा ही एक संक्रमित मच्छर के काटने से होता हैं। डेंगू भुखार कभी भी एक व्यक्ति
से दूसरे व्यक्ति को सीधा नहीं हो सकता। जब एक बीमार व्यक्ति के शरीर पर कोई मच्छर
काटता हैं तो वो मच्छर उसी समय संक्रमित हो जाता हैं और उसके बाद वो जब भी किसी
दूसरे व्यक्ति को काटता हैं तो उस व्यक्ति के शरीर से लिए वॉयरस को उस स्वस्थ
व्यक्ति के शरीर पर हैं। जिससे कि वो
व्यक्ति भी डेंगू रोग से ग्रस्त हो जाता हैं।
एक संक्रमित
व्यक्ति को काटने के बाद मच्छर को अन्य लोगों को संक्रमित करने में 8 से 12 दिन लग सकता हैं।
रोकथाम के उपाय :
डेंगू भुखार के
अभी तक विशिस्ट उपचार तो अभी तक उपलब्ध नहीं हैं लेकिन हाँ समय समय पर हम कुछ
बातों का धयान रख कर डेंगू से अपना और बच्चों का बचाव कर सकते हैं। कई स्वास्थ्य
संगठन अपने आप को डेंगू से बचाने के लिए निम्नलिखित सुझाव देते हैं
·
लंबी आस्तीन वाली
शर्ट और लंबी पैंट पहनें।
·
पर्मेथ्रिन जैसे
रिपेलेंट के साथ कपड़े का इलाज करें।
·
डीईईटी जैसे
ईपीए-पंजीकृत मच्छर विकर्षक का उपयोग करें।
·
मच्छरदानी का
उपयोग करने पर विचार करें यदि आप कई मच्छरों वाले क्षेत्रों में हों।
·
सुनिश्चित करें
कि खिड़कियों और दरवाज़े बंद हैं ताकि मच्छरों को घर में घूसकर साफ़ जगहों वाले
स्थानों में जाने से रोका जा सके।
·
खड़े पानी वाले
क्षेत्रों से बचें। विशेष रूप से उच्च मच्छर गतिविधि जैसे सुबह और शाम को।
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