गर्भावस्था में डेंगू बुखार
गर्भावस्था में डेंगू बुखार
डेंगू बुख़ार एक
बहुत ही खतरनाक बीमारी हैं। इसका अभी तक इसका कोई पक्का ईलाज नहीं मिल पाया हैं।
डेंगू बुख़ार मादा अनाफलिस प्रजाति के मच्छरों के काटने से हैं। डेंगू बुख़ार में
ज़ीका और चिकनगुनिया कुछ ऐसी बीमारियों में से एक है, जो गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए समस्याग्रस्त या
खतरनाक भी हो सकता है।
अगर कोई स्त्री
गर्भावस्था में हैं और उसको डेंगू बुख़ार हो जाये तो इसका उस के ऊपर बहुत गहरा
प्रभाव पड़ता हैं। डेंगू बुख़ार से उस महिला और उसके बच्चे दोनों को नुकसान पहुँच
सकता हैं। डेंगू बुख़ार के वायरस माँ के शरीर से होते हुए बच्चे तक भी जा सकते हैं।
डेंगू गर्भवती
महिलाओं के लिए विशेष रूप से बहुत खतरनाक है, क्योंकि डेंगू के वायरस गर्भावस्था के दौरान या जन्म के
दौरान माँ से बच्चे में प्रसारित कर सकते हैं। इससे स्टिलबर्थ, कम जन्म का वजन या समय से पहले जन्म हो सकता
है।
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गर्भावस्था में डेंगू बुखार |
तो आइये हम इस
बारे में इस लेख में आपको और अच्छे से बताते है कि आप कैसे अपने और अपने बच्चे का
डेंगू से बचाव कर सकते हैं।
रोग में अचानक शुरुआत होती है और लक्षणों में शामिल हो सकते
हैं:
• बार बार उल्टी और दस्त आना।
• त्वचा के ऊपर लाल रंग के चकत्ते बन जाना।
• नाक या मसूड़ों से खून का आना।
• लंबे समय तक थकान रहना।
• 3 से 7 दिनों के लिए बुखार रहता हैं।
• आँखों के पीछे तेज सिरदर्द रहता हैं।
• मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
• भूख नहीं लगना।
ये कुछ लक्षण हैं
जिनके आधार पर हम ये फ़ैसला ले पाते हैं कि हम डेंगू ग्रस्त हैं या नहीं। अगर आपको
इन लक्षणों में से कोई भी हमारे अंदर दिखाई देता हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह
कर अपना ईलाज करवाना चाहिए।
डेंगू का इलाज कैसे किया जाता है:
वैसे तो डेंगू की
अभी तक कोई सुनिश्चित दवाई नहीं बनी हैं। लेकिन आप ये कुछ उपाय करके डेंगू से खुद
को बचा सकते हैं।
·
जितना हो आराम
करना चाहिए।
·
ज्यादा से ज्यादा
पानी पीना चाहिए ताकि आपके शरीर में पानी की कमी ना हो।
·
बुखार और दर्द से
राहत के लिए एसिटामिनोफेन लें। (NSAIDS को इबुप्रोफेन या एस्पिरिन की तरह न लें।)
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